दक्षिण एशिया में पाई जाने वाली रोहू मछली (Rohu Fish) बहुत ही प्रसिद्ध मछली प्रजाति है. आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम Rohu Fish के बारे में संपूर्ण जानकारियां जैसे रोहू मछली पालन, प्रजनन, चारा, मांस, पोषक तत्व, लाभ, व्यंजन, खेती आदि के बारे में चर्चा करेंगे.
रोहू मछली क्या है?
नाम | रोहू मछली. |
वैज्ञानिक नाम | लेबियो रोहिता (LABEO ROHITA). |
परिवार | साइप्रिनिडे (CYPRINIDAE). |
उद्देश्य | मांस व व्यवसाय. |
दक्षिण भारतीय कार्प है जो की दक्षिण एशिया में अधिकांश रूप से पाई जाती है. इसका वैज्ञानिक नाम लेबियो रोहिता (LABEO ROHITA) है तथा यह साइप्रिनिडे (CYPRINIDAE) से संबंधित है. पहचान के लिए इसे रुई, रूही व तापरा जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है.
रोहू मछली की पहचान
अगर पहचान की बात की तो इसका सिर छोटा, मुंह तीखा और होंठ झालर की तरह प्रतीत होते है. अधिकांशतया शरीर पर लाल रंग के चने के आकार के दाने होते हैं और रंग भूरा तथा शरीर का आकार लंबा और गोल होता है. सिर और पंख को छोड़कर इसका सारा का सारा शरीर शल्क नामक त्वचा से ढका होता है. पंखों की अगर बात करें तो इसके शरीर पर लगभग सात पंख पाए जाते हैं। लंबाई में भी यह मछली 1 मीटर तक लंबी हो सकती है.
रोहू मछली की विशेषताएं
रोहू मछली की विशेषताएं अनेक है मगर कुछ विशेष विशेषताएं इस प्रकार से है.
1. स्वाद
इसका स्वाद बेहद प्रसिद्ध है, इसीलिए यह भोजन के रूप में बहुत ही पसंद की जाती है.
2. आकार
आकार की बात करें तो यह आकार में बड़ी होती है.
3. चांदी जैसी धारें
चांदी के जैसी दिखने वाली इसकी धार है इसे बहुत ही सुंदर रूप देता है.
4. अनुकूलन
सामान्य पानी में फलने फूलने और सामान्य वातावरण में डालने की क्षमता इस मछली में पाई जाती है.
5. स्वास्थ्य
कम फैट और प्रोटीन से भरपूर यह मछली स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक साबित होती है.
रोहू मछली का आहार
आमतौर पर यह मछली अपने भोजन के लिए पानी में उपलब्ध सड़े गले पदार्थों का सेवन करती है. इसके अतिरिक्त पानी में उपलब्ध छोटे पौधे व अन्य वनस्पतियों को खाकर अपना गुजारा करती है. इसे बड़े पैमाने पर पालने के लिए बाजार में कई सारे बनावटी मिश्रण उपयुक्त फीड उपलब्ध है जो की इसको बेहतर तरीके से जल्दी बड़ी होने में मदद करते है.
रोहू मछली का प्रजनन
Rohu Fish का प्रजनन स्तर बहुत ही अच्छा है. शरीर के प्रति किलो वजन के हिसाब से देखा जाए तो यह दो से ढाई लाख अंडे देती है. इसके अतिरिक्त पानी की स्थिति, तालाब की गहराई और वजन का भी इसके प्रजनन पर प्रभाव पड़ता है.
रोहू मछली का आवास और व्यवहार
यह एक मीठे पानी की मछली है. यह भारतीय उपमहाद्वीप में नदियों, झीलों और तालाबों में आमतौर पर पाई जाती है. शांत और सुकून भरी प्रवृत्ति से युक्त यह प्रजाति धीमी गति वाले पानी में फलती फूलती है. इस प्रजाति के आवास और व्यवहार को समझना पालन करने वालों के लिए महत्वपूर्ण है.
रोहू मछली का आर्थिक महत्व
Rohu Fish को भारतीय उपमहाद्वीप में अक्सर पाला जाता है. भारतीय महाद्वीप में यह प्रजाति अधिक पालने और खाने के लिए उपयोग की जाती है. इस मछली से कई लोगों की आजीविका निर्भर है. बहुत सारे किसानों द्वारा इस लाभकारी बताया गया है. एक स्थिर आई का स्रोत प्रदान करती है जो किसानों की आजीविका के लिए जरूरी है. तेज वृद्धि दर के लिए प्रसिद्ध होने के कारण यह पालन हेतु बहुत ही उपयुक्त है.
Rohu Fish के लाभ
रोहू मछली केवल रसोईघर के स्वादिष्ट खाने तक ही सीमित नहीं है. आपको बताते चलें कि यह स्वास्थ्य से जुड़े कई गुण भी प्रदान करती है. इसमें आवश्यक पोषक तत्वों के साथ बहुत सारा प्रोटीन स्रोत उपलब्ध है, जिस कारण इसे फिटनेस के शौकीनों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है.
दिल की बीमारी से जुड़े रोगियों के लिए यह बहुत ही लाभकारी है, क्योंकि इसमें पाए जाने वाले ओमेगा 3 फैटी एसिड दिल के स्वास्थ्य को बहुत फायदा देते हैं. इसमें उपलब्ध विटामिन और खनिजों का स्रोत हड्डियों के स्वास्थ्य और संपूर्ण शारीरिक विकास के लिए आवश्यक है. मांस में उपलब्ध फैट मोटापे को कम करता है. अतः यह कहना उचित होगा की संपूर्ण स्वास्थ्य व जीवन शैली को बेहतर बनाने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है.
रोहू मछली के पोषक तत्व
Rohu Fish सिर्फ स्वाद के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है बल्कि पोषण से भरपूर विभिन्न पोषण युक्त तत्वों से भरी हुई है. जो की शारीरिक विकास और मांसपेशियों की मजबूती के लिए कारगर है. इसमें उपलब्ध ओमेगा 3 फैटी एसिड की भरपूर मात्रा हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है. तथा इसमें विटामिन B-12 जैसे जैसे पोषक तत्वों का भंडार है.
रोहू मछली के व्यंजन
Rohu Fish अपने स्वादिष्ट मांस के लिए पहचानी जाती है. आपको बताते चलें कि इसके मांस से बनाए गए व्यंजन बहुत ही ज्यादा पसंद किए जाते हैं. इससे बनाई गई टेस्टी विधियां जैसे मछली करी (Fish Curry), मसालेदार राहु मछली फ्राई (Rohu Fish Fry), पकोड़े आदि प्रसिद्ध है.
रोहू मछली की खेती
रोहू मछली का पालन प्राचीन काल से ही किया जा रहा है. पालन के लिए इसे स्वच्छ और पोषण युक्त जल की जरूरत होती है. सही तरीके से और सही प्रबंधन से किसान इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इसकी खेती करने के लिए किसानों को विशेषज्ञ द्वारा राय लेनी जरूरी है क्योंकि इसमें कई ऐसी बीमारियां हैं जिनका हमें ध्यान रखना होता है.
निष्कर्ष
रोहू मछली हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसका उपयोग हमारे दैनिक जीवन में कई तरीकों से किया जाता है. स्वादिष्ट मांस और पोषण से भरपूर यह मछली खाने के लिए बहुत ही आदर्श है. उच्च प्रजनन दर और स्वादिष्ट मांस के कारण इसे बहुत ही ज्यादा पसंद किया जाता है. अतः यह कहना उचित होगा कि यह मछली प्रजाति हमारे दैनिक जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखती है.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इससे संबंधित कुछ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न व उनके उत्तर दिए गए है.
प्रश्न 1: रोहू मछली खाने से क्या फायदा होता है?
उत्तर: इसमें प्रोटीन, आवश्यक मिनरल और ओमेगा 3 फैट्स आदि पाए जाते हैं जो दिल दिमाग और मांसपेशियों के लिए लाभकारी है.
प्रश्न 2: रोहू मछली की कीमत कितनी है?
उत्तर: कीमत 100 रुपय से लेकर 1000 रुपए तक हो सकती है.
प्रश्न 3: रोहू मछली की पहचान क्या है?
उत्तर: छोटी आंखें और शल्क इसकी पहचान है.
प्रश्न 4: क्या हम रोज रोहू मछली खा सकते हैं?
उत्तर: जी हां हम इसे रोजाना खा सकते हैं. इसके सेवन से शरीर को बहुत सारे लाभ प्राप्त होते हैं.
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